बुधवार, 18 दिसंबर 2013

अमेरिका द्वारा भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े द्वारा अपनी घरेलु कर्मचारी के उत्पीड़न

अमेरिका द्वारा भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े द्वारा अपनी घरेलु कर्मचारी के उत्पीड़न पर की गई कार्यवाही ने दिखा दिया अमेरिका में कोई खास नहीं है वहां का कानून सबके लिए एक समान है मगर ये भारत के सांसदों एवं ब्यूरोक्रेसी को कौन समझाए ? भारत में तो कानून केवल आम जनता पर लागू होता है इसलिए भारत के सांसद, विधायक, ब्यूरोक्रेसी में अमेरिका के प्रति जबदस्त रोष देखने को मिल रहा है |
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काश ये रोष नौटंकीबाज लालू प्रसाद यादव के 47 करोड़ के घोटाले पर मात्र 25 लाख का जुर्माना और 1 माह में ही जमानत पर होता ?
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काश ये रोष 1 लाख 86 हजार करोड़ के कोल घोटाले के दरिंदों पर होता ?
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काश ये रोष 1 लाख 76 हज़ार करोड़ के 2 जी घोटाले के दरिंदों पर होता ?
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काश ये रोष 45 हज़ार करोड़ के कामनवेल्थ घोटाले के आरोपी कलमाड़ी जैसे भ्रष्ट के खिलाफ होता ?
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काश ये रोष भाजपाई मंत्री राघव जी द्वारा अपने घरेलु कर्मचारी के साथ कुकर्म करने पर होता ?
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काश ये रोष कर्नाटक विधानसभा में मंत्रियों द्वारा विधानसभा में प्रोन पिक्चर देखने पर होता ?
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कास ये रोष 16 दिसम्बर को अभया के साथ दरिंदो द्वारा की गई दरिंदगी पर होता ?
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काश ये रोष मोदी द्वारा आम लड़की की जासूसी करने पर होता ?
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काश ये रोष संसद में बैठे बलात्कार, भ्रष्टाचार, बलवा, गुंडागर्दी के आरोपी सांसदों पर होता ?
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काश ये रोष आम आदमी के उत्पीड़न पर होता ? तो आज भारत की ये दुर्दशा न होती....
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मगर तब इनको सांप सूंघ जाता है जब भारत के आम आदमी के साथ कोई दरिंदगी होती है फिर इनको कोई अधिकार नहीं है ये अमेरिका की आलोचना करें |

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